प्रमोद गांगनौली के परिवार पर खाकी का शिकंजा, पुलिस के साथ गांव पहुंचा फौजी का परिवार
प्रमोद गांगनौली के परिवार पर खाकी का शिकंजा, पुलिस के साथ गांव पहुंचा फौजी का परिवार

प्रमोद गांगनौली के परिवार पर खाकी का शिकंजा, पुलिस के साथ गांव पहुंचा फौजी का परिवार

बागपत, 06 सितम्बर (हि.स.)। जिले के दोघट थाना क्षेत्र के कुख्यात एक लाख रुपये के इनामी प्रमोद गांगनौली के परिवार पर खाकी का शिकंजा कसने के बाद अब पुलिस के साथ रविवार को फौजी और उसके परिजन अपने गांव गांगनौली पहुंचे और घर का दरवाजा खोलकर कब्जा लिया। थाना दोघट के ग्राम गांगनौली निवासी प्रवेश राठी सेना में जवान है। उनकी माता सराेज व पिता रामवीर की 13 नवम्बर 2013 को पुलिस सुरक्षा में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। 12 सितम्बर 2012 को उनके भाई प्रवीण तथा 12 अक्टूबर 2012 को तहेरे भाई संजीव उर्फ संजू की हत्या की गई थी। 18 अगस्त 2014 को तहेरे भाई पप्पू की हत्या की गई थी। 13 अगस्त 2012 को ताऊ राजेंद्र सिंह पर जानलेवा हमला किया गया था। मकान पर कई बार फायरिंग की गई थी। इन घटनाओं के बाद ही फौजी प्रवेश राठी ने अपने परिवार के साथ गांव से पलायन कर दिया था।करीब सात साल बाद दोबारा गांव में आकर बसने के लिए उन्होंने गत दिवस बागपत एसपी से सुरक्षा मांगी थी। एएसपी मनीष सिंह मिश्र के निर्देश पर रविवार को थाना दोघट पुलिस फौजी और उनकी पत्नी वंदना सिंह को लेकर गांगनौली पहुंची और मकान का ताला खुलवाया। खेत पर भी कब्जा दिलाया। सात साल बाद गांव में लौटने पर फौजी और उनकी पत्नी के चेहरे पर खुशी दिखाई दी। फौजी प्रवेश राठी ने बताया कि वह जयपुर में तैनात है। गांव में उनकी पत्नी वंदना सिंह व दो बच्चों हैं जो कभी जयपुर तो कभी रिश्तेदारी में सरधना में रहते हैं। वह मेरठ आइजी प्रवीण कुमार के भरोसे पर अपने गांव लौटे हैं। गांव में उनके शुभचिंतकों में भी उनके गांव लौटने से खुशी का ठिकाना नहीं है। उन्होंने सीएम योगी का धन्यावद करते हुए कहा कि यदि कुख्यात बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो शायद वह अपने गांव नहीं लौट पाते। कई ग्रामीणों को कहते सुना गया कि यह योगीराज में ही संभव हुआ है। हिन्दुस्थान समाचार/ गौरव साहनी-hindusthansamachar.in

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